अब तक अनाथ आश्रम में अनुराधा जी अपने बॉडीगार्ड के साथ आती है और सभी बच्चों के लिए वह आश्रम में काफी चीज डोनेट करती है वही जब वह मारिया के साथ केबिन में जाती है तो अनुराधा जी मारिया से कहती है कि मुझे तुम्हारे अनाथ आश्रम में से एक बच्चे को अडॉप्ट करना है वही मारिया भी अपना सर हा में हिला देती है और अनुराधा जी को लेकर गार्डन में जाती है जहां सारे बच्चे खेल रहे होते हैं ।।
वही अनुराधा जी अपनी उंगली पॉइंट कर के एक बच्ची की तरफ इशारा कर देते हैं वही जब मारिया उनके दिशा में देखती है तो वह चौंक जाती है क्योंकि अनुराधा जी परी की तरफ इशारा कर रही होती है परी और कोई नहीं बल्कि श्रद्धा ही होती है क्योंकि मारिया श्रद्धा को प्यार से परी कह कर बुलाती थी क्योंकि श्रद्धा किसी परी से कम नहीं लगती थी वही अनुराधा जी अपने धीमे कदमों से चलकर श्रद्धा के पास जाती है और घुटनों के बल बैठ जाती है और फिर श्रद्धा से कहती है क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगी ।।
श्रद्धा अनुराधा जी से कहती है दादी आप कौन हो और मैं आपके साथ क्यों आओ वहीं अनुराधा जी श्रद्धा को देखते हुए कहती हैं तुमने अभी तो मुझसे कहा कि मैं दादी हूं और मैं तुम्हें हर वह चीज ला कर दूंगी जो चीज तुम्हें चाहिए होगी वही अनुराधा जी की बात सुनकर श्रद्धा अपना सर ना में हिला देती है जिसे देखकर अनुराधा जी चौक जाती है क्योंकि उन्होंने अगर किसी और बच्चे को यह कहा होता तो वह बच्चा जट से मान जाता पर श्रद्धा बाकी बच्चों से अलग थी।।
वही मारिया अपने दिल पर पत्थर रखते हुए श्रद्धा से कहती है बेटा तुम उनके साथ जाओ वही श्रद्धा मारिया की बात सुनकर मारिया से कहती नही दादी मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी क्योंकि मुझे आपके साथ रहना है वही मारिया अच्छी तरीके से जानती थी कि अगर श्रद्धा यहां से गई तो ही उसका करियर बन पाएग और मारिया ये भी चाहती थी की परी को एक अच्छा परिवार मिले और जो परिवार उसकी सारी इच्छाएं पूरी करें।।
वही मारिया परी से कहती है तुम जब यहां से जाओगी तभी एक बहुत बड़ी इंसान बनकर वापस मेरे पास लौटोगी ना जब तुम बड़ी हो जाओगी तो वापस मेरे पास आ जाना वहीं परी यह बात सुनकर कुछ सोचने लगत
अब आगे
जब मारिया परी को समझती है तो परी अनुराधा जी के साथ जाने के लिए मान जाती है। और मारिया से कहती है की दादी में इनके साथ जाऊंगी और फिर बहुत बड़ी डॉक्टर बनूंगी और फिर वापस आकर आपकी पैरों का दर्द ठीक कर दूंगी वही मारिया श्रद्धा की बात सून कर खुश हो जाती है और माया के दोनों गालों को चूम कर कहती है हा बच्चा जब तू बड़ा हो जाएगा और बहुत बड़ा डॉक्टर बनेगा तो तुम मेरे घुटनों का इलाज करना ।।ठीक हे
वही श्रद्धा अपना सर हा मे हिला देती हे ।वहीं साइड में खड़ी अनुराधा जी मारिया को देखकर जल रही होती है क्योंकि उनसे ज्यादा परी मारिया से बात कर रही थी और सिर्फ मारिया के ही कहने पर उनके साथ आ रही थी वही उसके बाद अनुराधा जी मारिया और श्रद्धा गार्डन एरिया में से सीधे अनाथ आश्रम के अंदर चली जाती हैं और फिर अनुराधा जी श्रद्धा को अपनी गोदी में उठा लेती हैं जीस से श्रद्धा अपनी बड़ी-बड़ी आंखें करके अनुराधा जी को देखने लगती है।।
वही अनुराधा जी जब श्रद्धा को ऐसे अपने आप को घूरता पाती हैं तो वह फिर से श्रद्धा के दोनों घाल खींचने लगती हैं वही श्रद्धा अपना मुंह बना लेती है फिर अनुराधा जी श्रद्धा से बात करने की कोशिश करते हैं और कहती हैं।।
"अच्छा बताओ बेटा तुम्हें क्या अच्छा लगता है??।
"वही श्रद्धा अपनी बच्चों जैसे आवाज में करती है दादी मुझे पेंटिंग करना बहुत अच्छा लगता है"।
वही श्रद्धा की बात सुनकर अनुराधा जी मुस्कुराने लगती है और फिर श्रद्धा से पूछता है और बेटा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहती हो??।
वही श्रद्धा अनुराधा जी से कहती है" दादी आप कितने बुद्धू हो मैं बाहर ही तो कहा था कि मैं बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती हूं और अपनी मारिया दादी की पैरों का इलाज करना चाहती हूं" ।।
"वही अनुराधा जी जब यह सुनती है तो अपना मुंह बना लेती है और श्रद्धा के गालों को फिर से खींचते हुए कहती है क्या तुम अपनी दादी से बहुत प्यार करती हो" ??
"श्रद्धा अपना असर जोरों से हा में हिला देती है और अनुराधा जी से कहती है कि दादी यहा मेरे ढेर सारे दोस्त हैं और मैं सभी से बहुत ही प्यार करती हूं वही अनुराधा जी यह बात सुनकर हंसने लगती है और कहती है और तुम्हारा बेस्ट फ्रेंड कौन है??"
वही श्रद्धा उनकी बात सुनकर रहती मेरा बेस्ट फ्रेंड रोहन है वह मेरे साथ खेलतत भी है और मुझे ढेर सारी बातें करता है और मुझे भी उसके साथ खेलना बहुत ही अच्छा लगता है वही यह सुनकर अनुराधा जी अपना सर हा मे हिला देती है।।
वही अनुराधा जी और श्रद्धा बात कर ही रही थी कि तकरीबन सामने से 8 साल का लड़का दौड़ते हुए उनके पास आता है और अपने हाथ घुटनों पे रखकर जोर-जोर से हाांफने लगता है वही श्रद्धा जो अनुराधा जी से बात कर रही थी वह उस लड़के को देखकर कहती है रोहू तुम इतने हाफ क्यों रहे हो ?? वह लड़का और कोई नहीं बल्कि रोहन था।।
रोहन बचपन से ही इसी अनाइथ आश्रम में पला बड़ा था और जब से श्रद्धा छोटी थी तब से वह रोहन के साथ ही खेल कर बड़ी हुई थी जब भी रोहन को कोई फैमिली अडॉप्ट करने के लिए आती रोहन उन्हें मना कर देता था वही रोहन अपनी सांसोको काबू में करते हुए श्रद्धा से कहता है परी क्या तुम सच में जा रही हो वही श्रद्धा अपना सिर्फ हमें हिला देती है जब रोहन यह सुनता है तो उसे बहुत ही दुखी होता है वही रोहू का दुखी चेहरा देखकर श्रद्धा को भी दुख होता है और कहती है तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें मिलने जरूर आऊंगी। ।
क्या श्रद्धा सच में रोहन से मिलने वापस आएगी और क्या अनुराधा जी श्रद्धा को सारे खुशियां दे पाएगी जाने के लिए पड़ी मेरी स्टोरी "क्यों दर्द है तेरे इश्क में"
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