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आदित्य और परी की फाइट

वह औरत Aditya की मां सुजाता सूर्यवंशी थी,।

"जो उनके प्यार बेटे के न खाने पर उन्हें खिलाने के लिए कमरे में आई थी क्योंकि आदित्य को जब पता चलता है कि उनकी दादी उसे बिना बताए कहीं चली गई है तो आदित्य ने पूरा घर सर पर किया हुआ था और वह खाना भी नहीं खा रहा था और अपने कमरे में वह फूलाऐ बैठा हुआ था"। 

वही सुजाता जी जब यह कहती है कि अगर आदित्य खाना नहीं खाएगा तो वह उसकी शिकायत दादी से कर देगी तो आदित्य सुजाता जी से कहता है कि मैं दादी से बहुत ही नाराज हूं क्योंकि वह मुझे बिना बताए कहीं चली गई है ।

"मैंने उन्हें आज कितना मिस किया मुझे लगता है की दादी अब मुझसे प्यार करती ही नहीं वही सुजाता जी यह सुनकर अपना सर ना में हिला देती है और कहती है कि नहीं बेटा तुम्हारी दादी तुम्हें बहुत ही प्यार करती है पर उन्हें आज कुछ जरूरी काम था"।

इसलिए वह कहीं बाहर गई है ।।वही सुजाता जी की बात सुनकर आदित्य अपना मुंह फुला देता है और कहता है अगर उन्हें कोई जरूरी काम था तो वह मुझे भी तो साथ ले जा सकती थी ना मैं कोई थोड़ा छोटा बच्चा हूं जो उन्हें परेशान करूंगा ??।

सुजाता जी अपने हाथों में लिए खाने की प्लेट को टेबल पर रखती है और फिर आदित्य का हाथ पकड़ कर अपने साथ टेबल के सामने वाली चेयर पर बिठा देते हैं और  प्लेट में से एक रोटी का टुकड़ा और उसमें थोड़ी सब्जी लगाकर आदित्य के सामने कर देती है वही आदित्य  भी बिना देर किए सुजाता जी के हाथों से खाने लगता है।

वही सुजााताजी  और आदित्य एक दूसरे से बातें करने लगते हैं वही सुजाता ने बातों ही बातों में सारा खान आदित्य को खिला देती हैं और आदित्य से कहती है तुम्हारी दादी अगले 20 मिनिट  सूर्यवंशी पैलेस आ जाएगी सुजाता जी की बात सुनकर आदित्य खुश हो जाता है अपनी घड़ी में देखना है 4:30 बज रहे होते हैं आदित्य टाइम देखता है और केहता है प्लीज जल्दी आ जाइए ना दादी  मे आपको कितना मिस कर रहा हू।।

उधर प्राइवेट जेट मे परी अनुराधा जी के गोद में ही सो गई थी और अनुराधा जी ने परी को एक पल के लिए भी अपने आप से दूर नहीं किया था उन्होंने परी को जब  जेट में बैठे थी तब से ही अपने गोद में बिठाया हुआ था।।

"सुजाता जी जेत में जब परी के साथ बैठी थी  तो उनहो ने तुरंत ही परी को  ढेर सारी चॉकलेट्स दे देती है और उसके बाद उसे भरपेट खाना भी खिलाती है जिससे परी को बहुत ही नींद आने लगती है और वह सुजाता जी के गोद में ही सो जाती है क्यो की परी को खाने के बाद सोने की आदत थी" ।।

वही अनुराधा जी परी को अपनी गोद में सोता देख उसे बड़े प्यार से देखने लगती है और परी के सर को उनके हाथ से सहलाने लगती लगभग 1 घंटे में ही  उनका जेट सूर्यवंशी पैलेस पहुत जाता है।।

वही जेट सीधा सूर्यवंशी पैलेस की छत पर आकर लैंड करता है वही कमरे में बैठा हुआ आदित्य जब प्राइवेट जेट की आवाज सुनता है तो वह तुरंत ही छत की तरफ भागने लगता है वही सारे बॉडीगार्ड एक-एक करके जेठ से उतरने लगते हैं और एक लाइन बनाकर खड़े हो जाते वही सब के बाद मेंडम सूर्यवंशी अपने हाथों में एक छोटी सी बच्ची को लेकर जेेट से नीचे उतर रही होती है वही आदित्य जो भागकर  अभी  छत पर आ रहा था और जब वह अपनी दादी को किसी और बच्चे के साथ देखता है तो उसकी आंखें छोटी हो जाती है।।

क्योंकि  उसे छोटी बच्ची का चेहरा नहीं दिख रहा होगा क्योंकि जब श्रद्धा सो गई थी तब मैडम सूर्यवंशी ने उसे ब्लैंकेट से कवर किया हुआ था वही मैडम सूर्यवंशी जेट से उतर रही होती है तभी हलचल के कारण श्रद्धा की आज धीरे-धीरे खोलने लगती हैं और वह कश मशाने लगती है ।।

वही जब आदित्य ने देखा  कि उसकी दादी की गोद में कोई बच्ची है तो वह तुरंत ही भाग कर उसकी दादी के पास जाता है और कहता है दादी  ये आप की से लेकर आई है ??

वही दादी आदित्य को देखकर अपने होठों पर उंगली रख देती है और आदित्य को चुप रहने का इशारा करती है ।

पर उतने में ही परी अपने चेहरे पर से ब्लैंकेट हटा देती है। वही जैसे  ही परी की ब्लू  आंखे आदित्य से मिलती है तो वह आदित्य को देखकर शॉक हो जाती है क्योंकि  आदित्य दीखने मे चार्मिंग  और अट्रैक्टिव बच्चा था जिसकी आंखें गहरी काली और उसकी हाइट भी आम बच्चों से ज्यादा और उसकी उम्र भी 9 साल की थी जिसे वह बहुत ही हैंडसम लग रहा होता है ।

श्रद्धा आदित्य को देखते हुए कहती है

दादी यह लड़का कौन है"??

आदित्य श्रद्धा के मुंह से अनुराधा जी के लिए दादी शब्द सुनकर हैरान हो जाता है और तुरंत ही श्रद्धा से कहता है तुम मेरी दादी को अपनी दादी क्यों बोल रही हो वह तो सिर्फ मेरी दादी है।।

" श्रद्धा आदित्य की बात सुनकर अपना  मुंह बना लेती है और कहती हैं उन्होंने खुद मुझसे कहा है कि मैं उन्हें दादी बुलाऊं वही जब अनुराधा जी अपने पोते को श्रद्धा से जलता हुआ देखते हैं तो अपना सर ना में हीरा देती है और कहती है आदित्य तुम क्यों खाम खा  इस प्यारी बच्ची से झगड़ा कर रहे हो"।

" आदित्य जब अपनी दादी के मुंह से उस बच्चों के लिए प्यारी बच्ची ऐसा नाम सुनता है तो वह तुरंत ही बोल पड़ता है दादी आपके लिए तो सबसे प्यारा में था ना आप इसे प्यारी क्यों बोल रही है??

वही इतना कह कर श्रद्धा को देखने लगता है क्योंकि उसने अब तक श्रद्धा को अच्छे से नहीं देखा था पर वह फिर से  श्रद्धा को देखता  है तो देखाता ही रह जाता है"।

क्योंकि श्रद्धा ने व्हाइट कलर की फ्रॉक पहनी हुई थी जिसमें वह किसी परी से कम नहीं लग रही थी और उसमें भी उसके गोल मटोल गाल और ब्लू आंखें उसे और भी खूबसूरत बना रही थी"।

इसके साथ-साथ उसके हार्ट शेप होठ  उसे और क्यूट बना रहे थे और उसके गाल जो गुस्से के कारण गुब्बारे की तरह फुले थे जिसे देखकर किसी को भी इसे खींचने  का मन करे ।।

वही आदित्य तो थोड़ी देर उसे देखता ही रहता है फिर अपनी सेंसेज में वापस आता है और कहता है दादी यह कौन है वही अनुराधा जी के बोलने से पहले ही श्रद्धा  करती है मेरा नाम श्रद्धा है और प्यार से मुझे सभी लोग परी कह कर बुलाते हैं ।।

वही जब आदित्य परी की ऐसी बातें सुनता है तो  उसे परी पर बहुत ही प्यार आने लगता है पर उसकी नजर जैसे ही अपनी अनुराधाजी   पर जाती है तो उसका चेहरा गुस्से से भर जाता है।।क्यो की 

अनुराधा जी परी को प्यार से देख रही थी और उसके बालों को शेहला रही थी वही आदित्य   परी  से कहता है क्या करूं तुम्हारा नाम श्रद्धा हो या परी मुझे क्या लेना देना "।

परी  आदित्य की ऐसी बात सुनकर बहुत ही दुखी हो जाती है और अपने गाल और भी ज्यादा फूलाने लगती है।।

वही आदित्य जब परी को ऐसे गुस्से के कारण अपने गाल फुलाते हुए देखता है तो कहता है कि तुम्हारा नाम परी से ज्यादा गुब्बारा ज्यादा अच्छा लगता है क्योंकि तुम  दिखती ही किसी गुब्बारे की तरह हो।।

 जब परी यह बात सुनती है तो तुरंत ही आंग बबूला हो जाती है और आदित्य से कहती है कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई क्यूट परी को गुब्बारा बोलने की तुमने कभी अपने आप को देखा है किसी खंभै की तरह दिखते हो तुमसे तो मेरा रोहू अच्छा है जो  मुझसे अच्छे से बात तो करता है ।।

"  आदित्य जब यह सुनता है तो कहता है तो जाओ ना तुम्हारे रोहु के पास यहां क्या कर रही हो?वही जब श्रद्धा आदित्य की ऐसी बात सुनती है तो कहती है बदमाश लड़के तुम अपनी जुबान बंद रखो वरना मैं तुम्हारी सारी चॉकलेट ले लूंगी"।

" आदित्य श्रद्धा की बात सुनता है तो जोर-जोर से हंसने लगता है और कहता है अब तुम्हारी जैसी छोटी बच्ची इससे अलावा और क्या कर सकती है और फिर उसे देखकर चिढ़ाने लगता है।।

वही जब श्रद्धा देखती है कि आदित्य उसे चीढ़ा रहा है तो तुरंत ही अपना सर अनुराधा जी की गर्दन में घुसा देती है और जोर-जोर से रोने लगती है।।

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