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श्रद्धा का सूर्यवंशी परिवार से मिलना ,विहान और श्रद्धा की दोस्ती"।

जब अनुराधा जी श्रद्धा को रोते हुए देखती हैं तो तुरंत ही आदित्य से कहती है आदित्य तुम उसे क्यों परेशान कर रहे हो??? तुम्हें दिख नहीं रहा वह कितना रो रही है??

वहीं जब आदित्य अनुराधा जी की बात सुनता है तो तुरंत ही बोल पड़ता है।

"मैंने तो उसे अभी कुछ कहा ही नहीं वह तो खुद ब खुद रो रही है उसमें मैं क्या करूं,

"मैं तो सिर्फ आपको पूछ रहा था कि यह लड़की कौन है उसे बीच में बोलने के लिए किसने कहा था??"।

आपको तो पता ही है मुझे बीच में बोलने वाले लोग नहीं पसंद।

 अनुराधाजी यह सुनती है तू तुरंत की आदित्य से कहती है कि आदि चलो परी से माफी मांगो?? ।

वही कब से  परी रोए जा रही थी पर जब अनुराधा जी के मुंह से माफी शब्द सुनती है तो तुरंत ही अपना रोना बंद कर देती है और अपने आंसू भरी आंखों से टुकुर-टुकुर आदित्य को देखने लगती है"।

वही जब आदित्य श्रद्धा यानी की परी को चुप होते हुए देखता है तो तुरंत ही दादी से कहता है दादी देखो यह चुप हो गई मैं अब इससे माफी क्यो मांगु  परी आदित्य  की यह बात सुनकर फिर से जोर-जोर से रोने लगती है वही आराधना जी तुरंत ही आदित्य से कहती है।

"अदी अगर तुमने माफी नहीं मांगी तो हम तुमसे बात नहीं करेगे जब आदित्य  यह सुनता है तो अपना मुंह बना लेता है और श्रद्धा से कहता है सॉरी वही जब श्रद्धा आदित्य का सॉरी सुनती है तो फिर से जोर-जोर से रोने लगती है"।

वही अनुराधा जी आदित्य से कहती है आदि तुम एक बार फिर से माफी मांगो और इस बार अपनी आवाज थोड़ी उची रखना जिसे परी भी सुन पाए वहीं परी आदित्य को देखे जा रही थी और उसके साथ-साथ अपने आंखों में से आंसू बहाए जा रही थी"।

वही आदित्य जोर से कहता है मुझे माफ कर दो वही जब परी यह सुनती है तो तुरंत ही रोना बंद कर देती है।और कहती है कि ठीक है परी ने आपको माफ किया और फिर परी मुड़कर अनुराधा जी की गले लग जाती है और उनके गले में अपना मुंह छुपा कर दादी से कहती है दादी आप इसे मत डाटो ।।

इसने परी से माफी मांग ली इसलिए परी ने इसे माफ कर दिया वही जब दादी श्रद्धा की ऐसी प्यारी बात सुनती है तो तुरंत ही अपना सर हा में हिला देती है और कहती है ठीक है मैं इसे अब नहीं डाटूंगी वही जब आदित्य परी की बात सुनता है तो खा जाने वाली नजरों से धुरने लगता है क्योंकि आज तक सिर्फ अपनी दादी की सारी अटेंशन आदित्य को ही मिलती थी पर जब से यह लड़की आई थी उसकी सारी अटेंशन मानो छीन ही ली थी।।

"अनुराधाजी आदित्य का हाथ पकड़ती है और अपनी गोद में उन्होंने परी को उठाया हुआ था और वह उन दोनों को लेकर छत से नीचे आने लगती है और फिर आदित्य से कहती हैं,

"आदि तुम्हें परी के साथ झगड़ा नहीं करना चाहिए। अब से परि यहा हमारे साथ ही रहने वाली है और तुम तो बड़े हो ना तुम्हें परी के साथ प्यार से बात करनी चाहिए" ।।

वही जब आदित्य अपनी दादी जी की बात सुनता है तो अपना सिर ऊपर करके परी को देखने लगता है और मन ही मन सोचने लगता है "

इस गुब्बारे को तो मे छोडूंगा नहीं जब से आई है तब से मेरी दादी की चहीति बनी हुई है"।

वही दादी चलते-चलते लिविंग हॉल में आ जाती है जहां आदित्य की मां और आदित्य के पापा सोफे पर बैठे हुए थे और लिविंग हॉल में आसपास कई सारे सर्वेंट अपना काम कर रहे थे।

अनुराधा जी सभी बॉडीगार्ड्स को घर के बाहर जाने की अनुमति दे देती है और सीधा परी को लेकर आदित्य के मॉम के पास चली जाती है और कहती है सुजाता अब से परी हमारे साथ ही रहेगी और इसकी सारी जिम्मेदारी हमारी होगी इसे किसी भी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए और इसे इस घर में कभी पराया नहीं लगना चाहिए वही अनुराधा जी जब यह कह रही होती है तो तब सुजाता जी की नजरे परी को ही देख रही होती है क्योंकि परी दिखने में बहुत ही सुंदर थी परी सच में  प्यारी लग रही थी ।।

सुजाता जी और आदित्य के पापा तो पहले से ही एक बेटी चाहते थे क्योंकि आदित्य सबसे बड़ा था सुजाता जी को भी मन ही मन बेटी की चाहीऐ थी पर उनका दूसरा भी बेटा ही हुआ इसलिए उनकी मुराद अधूरी ही रह गई पर उन्होंने जब परी को देखा तो वह खुश हो गई और तुरंत ही परी को अनुराधाजी  के पास से अपनी गोद में उठा लिया और पूछने लगी हेलो बेटा तुम्हारा नाम क्या है???

"आदित्य जो कि उसकी दादी के साथ-साथ लिविंग हॉल में आया था और जब वह देखता है कि उसकी मम्मी भी उस गुब्बारे को अपनी गोद  मे उठा रखा है तो तुरंत ही अपना मुंह बना लेता है और कहता है कि मोम अभी तो दादी ने कहा कि इसका नाम परी है

जब श्रद्धा यह सुनती है तो तुरंत ही बोल पड़ती है आंटी हमारा नाम श्रद्धा है प्यार से हमें सब लोग परी कहकर बुलाते हैं" ।

जब आदित्य परी का यह जवाब सुनता है तो तुरंत ही उसे अपनी आंखों से घुरने लगता है वही जब परी आदित्य को अपने आप को ऐसा घुरर्ता पाती है तो तुरंत ही सुजाता जी से कहती है आंटी मुझे वह गुस्से लड़का नहीं पसंद ।

मैं जब से आई हूं तब से वह मुझे उल्लू की तरह घुर रहा है वही जब सुजाता जी परी की यह बात सुनती हैं तो तुरंत ही जोर-जोर से हंसने लगते हैं और कहते हैं तुम कितनी प्यारी बातें करती हो तुम्हारी आवाज कितनी अच्छी है जैसे की कोई संगीत बज रहा हो "काश मेरी भी तुम्हारी जैसी एक बेटी होती "

वही आदित्य जब यह सुनता है तो अपनी मां से तुरंत ही बोल पड़ता है मोम आपको दिखाई नहीं दे रहा वह मुझे उल्लू बोल रही है??

" सुजाता जी आदित्य से कहती है तुम उसे डरा क्यों रहे हो अगर तुम्हें उल्लू नहीं रहेगी तो क्या कहेगी ??ऐसा कहकर सुजाता जी परी को अपनी गोद में से नीचे उतार देती है वही आदित्य को अनुराधा जी अपने पास बुलाती है और फिर सुजाता जी से कहती है हमारा दूसरा पोता किधर गया"।

वहीं सुजाता जी कहती है वह होगा अपने रूम में वीडियो गेम खेल रहा होगा मैं अभी उसे बुला कर आती हूं वही सुजाता जी तुरंत ही सीडीओ से होते हुए ऊपर के कमरे में चली जाती है जहां पर विहान का कमरा था और  वहा जाकर आवाज लगाती है विहान जल्दी चलो नीचे आओ मुझे तुम्हें किसी से मिलना है ??

वही विहान जो की वीडियो गेम खेल रहा था वह तुरंत ही सुजाता जी के पास आ जाता है और कहता है में बस थर्ड लेवल पार करने ही वाला था कि आप बीच में आ गई और आप किस से मिलवाना चाहती है ??

मुझे अभी वीडियो गेम खेलना है मैं बाद में मिललुगा वही ऐसा कहकर विहान अपने रूम में वापस जाने को होता ही है कि सुजाता जी विहान का हाथ पकड़ती है और अपने साथ नीचे लेकर आती है जब विहान नीचे जाता है तो उसकी नजर परी पर पड़ती है तो वह तो अपना मुंह खोल कर परी को देखते ही  रहता है ।

"क्योंकि परी बहुत ही प्यारी लग रही होती है सुजाता जी विहान का हाथ पकड़ कर परी के सामने लेकर आती है और कहती है देखो विहान यह श्रद्धा है और इस प्यार से सभी परी कह कर बुलाते हैं और यह आज से हमारे साथ ही रहेगी और तुम भी उसका हमेशा ख्याल रखना"।

विहान अपना सर हा में हीला देता है विहान आदित्य से उम्र में 2 साल छोटा था विहान की उम्र 6 साल की थी और वह भी आदित्य की तरह बहुत ही चार्मिंग लग रहा होता है वही विहान जब परी को देखा है तो वह उसके पास जाता है और परी का हाथ पकड़ लेता है और कहता है हेलो श्रद्धा मेरा नाम विहान है और मुझे प्यार से सभी लोग विहान ही कहते हैं वही जब आदित्य यह देखता है तो अपनी आंखें छोटी-छोटी कर लेता है और विहान को घूरने लगता है 

क्या आदित्य और परी के बीच दोस्ती हो पाएगी जाने के लिए पढ़िए क्यों दर्द है तेरे इश्क  मै।

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