अब तक हमने देखा कि कैसे सूर्यवंशी फैमिली के सारे मेंबर साथ मिलकर डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे ।
डाइनिंग टेबल की हेड चेयर पर अनुराधा जी बैठी हुई थी और उनके बगल में उनका बेटा रघुवीर सूर्यवंशी बैठे हुए थे और रघुवीर सूर्यवंशी के बगल में उनकी पत्नी सुजाता जी बैठी हुई थी।
सुजाता जी ने अपनी गोद में परी को बिठाया हुआ था वही परी तो अपनी चमकती हुई आंखों से डाइनिंग टेबल पर पड़ी अलग-अलग डिशेेेज को अपनी ललचाया हुई नजर से देख रही होती है ।
हमने देखा कि इस बीच कैसे आदित्य और परी के बीच में छोटी सी नौक- जोक हो जाती है।
उसके बाद विहान पर इसे कहता है की परी तुम कितनी कुल हो क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी? और इतना कह कर जाट से डाइनिंग टेबल की दूसरी साइड परी के पास चला जाता है और परी का हाथ पकड़ लेता है
अब आगे
विहान परी का हाथ पकड़ कर जोर-जोर से हिला रहा होता है और कहता है परी अब तो हम दोनों दोस्त हैं क्या तुम मेरे साथ वीडियो गेम खेलोगी ??
" परी विहान से कहती है पर "मुझे तो वीडियो गेम खेलना आता ही नहीं"।
वही विहान कुछ सोचते हुए कहता है कोई बात नहीं परी मैं तुम्हें वीडियो गेम खेलना सिखा दूंगा ।
वही परी कहती है "अगर तुम मुझे वीडियो गेम खेलना सिखाओगे तो मैं तुम्हारे साथ जरूर खेलूंगी "।
वही विहान जो पहले आर्यन के साइड में बैठा हुआ था वह अब परी के साइड जाकर बैठ जाता है और फिर कहता है परी मैं आबसे तुम्हारे साथ ही खेलूंगा और तुम्हारे साथ ही रहूगा ।
क्योंकि तुम बहुत ही क्यूट हो और मुझे तुम बहुत पसंद हो वही जब सौजाताजी यह बात सुनती है तो कहती है" विहान अभी बातें मत करो पहले परी को खाना खाने दो बाद में उसको अपने साथ वीडियो गेम खेलने ले जाना"।
वहीं विहान कहता है "ठीक है मोम में ऐसा ही करूंगा पहले हम यह यम्मी यम्मी सा खाना खा लेते हैं और फिर हम जाकर कमरे में वीडियो गेम खेलेंगे"।
वही अनुराधा जी जो कि कब से अपने पोते और परी को देख रही थी वह तुरंत ही बोल पड़ती है परी कल से तुम स्कूल जाओगी।
वही परी जब स्कूल का नाम सुनती है तो कहती है दादी मैं तो कभी स्कूल गई ही नहीं, वही जब अनुराधा जी यह बात सुनती है तो कहती है "तुम भले ही पहले ना गई हो पर कल से तुम्हें स्कूल जाना होगा" और अपने पढ़ाई शुरू करनी होगी तभी तो तुम अच्छी डॉक्टर बन पाओगी और अपनी मारिया दादी का इलाज कर पाओगी।
वही परी हा में सर हिला देती है और कहती है हां दादी मैं भी कल से पढ़ाई करने जाऊंगी क्योंकि मुझे एक अच्छा डॉक्टर बनना है जिससे मैं मारिय दादी के पैर का दर्द ठीक कर सकूं ।
वही सुजाता जी कहती है अच्छा बेटा पहले तुम अच्छे से खाना तो खा लो वही परी रहती है सुजाता मां मुझे बहुत ही भूख लगी है पर वही सुजाता जी परी की यह बात सुनती है तो तुरंत ही प्लेट में परी के लिए एक-एक करके सारी डिशेज रखने लगती है।
वही वह सारी डिशेज रखने के बाद परी को अपने हाथों से खिलाने लगती है ।वही परी भी बहुत चाव से खाना खा रही थी।
आदित्य जो कब से डाइनिंग टेबल पर बैठा था पर उससे कोई बात ही नहीं कर रहा था उसे तो ऐसा लगता है कि वह डाइनिंग टेबल पर है ही नहीं ।वही घर के जो सेफ होता है वह एक-एक करके सारी डिशेज आराधना जी और आदित्य की मम्मी पापा को परोसने लगता है वही उसके बाद वह आदित्य और विहान को खाना परोसता है ।
सुजाता जी तो सब कुछ छोड़कर सिर्फ परी को ही खाना खिलाने में बिजी थी वही साइड में बैठे रघुवीर जी भी चाहते थे कि वह भी अपने हाथों से परी को खाना खिलाए पर उन्हें सुजाता जी यह मौका नहीं दे रही थी इसलिए रघुवीर जी अपना मन मार के खाने लगते हैं ।
वही आदित्य भी परी को घूरते हुए खाना खाने लगता है ऐसे ही सब लोग खाना कंप्लीट करके डाइनिंग टेबल से उठ जाते हैं वही आराधना जी परी के साथ थोड़ी देर बैठती है और उसके बाद वह परी से कहती है परी क्या तुम्हें अब नींद नहीं आई चलो मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे में छोड़कर आती हूं।
वही परी रहती है नहीं दादी मुझे अभी नींद नहीं आई मुझे अभी विहान के साथ वीडियो गेम खेलना है वह मुझे आज सीखने वाला था वही अभियान पड़ता है अरे मैं तो भूल ही गया था चलो चलो वरना देर हो जाएगी और कल तो हमें स्कूल भी तो जाना है वही परी अपना सर हमें हिला देती हूं ।
आदित्य जो की रघुवीर जी के पास सोफे पर बैठा हुआ था वह यह देखा है तो अपना मुंह बिगाड़ देता है और कहता है "जब से आई है तब से सब की चहिती बनी हुई है।
मुझे तो यह गुब्बारा बिल्कुल भी पसंद नहीं है अगर मेरा बस चले तो मैं तो उसे कब का यहां से दफा कर दूं वही रिहान श्रद्धा का हाथ पकड़ के अपने कमरे में ले जाता है और अपने कमरे को दिखाने लगता है और कहता है।
श्रद्धा देखो यह मेरा कैमरा है तुम्हें पसंद आया वही श्रद्धा रहती है तुम्हारा कमरा बहुत ही अच्छा है बिहार वही विहान कहता है देखो श्रद्धा ऐसा ही करते जाओ तो मैं वीडियो गेम खेलने आ जाएगा वही श्रद्धा अपना सर हमें हिला देती है वही धीरे-धीरे करके विहान श्रद्धा को वीडियो गेम खेलना सीखना है।
वही श्रद्धा भी जात से सब सीख रही होती है क्योंकि श्रद्धा की मेमोरी पावर बहुत ही शर्ती थी इसलिए वह जाट से सब कुछ सीख जाती थी वही नीचे हॉल में बैठा आदित्य जब श्रद्धा और विहान को जाते हुए देखा है ,।
तो वह अपने आप को रोक नहीं पता और सीडीओ से ऊपर जाने लगता है आदित्य का कमरा विहान के बगल में ही था इसलिए वह अपने कमरे में जा रहा होता है कि तभी उसे श्रद्धा और विहान की आवाज सुना देती है जो की श्रद्धा कह रही थी रिहान अब तो मुझे वीडियो गेम खेलने आ गया।
।अब मैं हमेशा तुम्हारे साथ खेलेगी वही बिहान कहता है श्रद्धा तुम चिंता मत करो हम मैं तुम्हें अभी तो इससे भी ज्यादा बड़ी-बड़ी गेम्स है मैं तुम्हें वह कैसे खेलते हैं तुम्हें सिखाऊंगा वही श्रद्धा रहती है बिहार तुम कितने अच्छे हो जब आदित्य यह सुनता है तू तुरंत ही दबे पांव विहान के कमरे की तरफ बढ़ जाता है "।
जब वह आता है तब रिहान की कमरे का दरवाजा खुला होता है तो वह देखने लगत जब आदित्य यह सुनता है तू तुरंत ही दबे पांव विहान के कमरे की तरफ बढ़ जाता है जब वह आता है तब रिहान की कमरे का दरवाजा खुला होता है तो वह देखने लगता है।
श्रद्धा और विहान अपनी वीडियो गेम में खोए हुए थे वही जब वीडियो गेम खेलते खेलत अचानक ही विहान की नजर दरवाजे पर जाती है तो कहता है आदि भैया आप भी आई ना हमारे साथ गेम के लिए वही आदित्य कहता है नहीं मुझे तुम्हारे साथ गेम नहीं खेलता तुम जैसे छोटे बच्चे गेम खेलते हैं।
मैं तो बड़ा हो गया हूं और मुझे यह गेम खेलना पसंद भी नहीं है वही ध्यान कहता है आप यह क्यों नहीं कहते कि भैया आपको गेम खेलना आता नहीं है वही जब परी आदित्य को देखते हैं तो तुरंत ही विहान के पास से खड़ी होकर तुरंत ही आदित्य की तरफ दौड़ जाती है और आदित्य का हाथ पकड़ते हुए कहती है ।
आदि चलो हमारे साथ गेम खेलो क्या तुम भी मेरे दोस्त बनोगी आदित्य सुनता है तो परी को देखने लगता है अपनी आंखों में ढेर सारी चकली आदित्य को देख रही होती है।
वही अभी तक पारी में आदित्य का हाथ नहीं छोड़ा होता वैसे ही पकड़ रखा होता है और उसे खींच रही होती है वही आदित्य जब हर की बात सुनता है तो कहता है मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है तुम्हारी मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है तुम्हारी दोस्त बने और आज के बाद मुझे आदि कहकर मत बुलाना अगर अगली बार तुमने मुझे आदि का कर बुलाया तो मैं तुम्हारे सारे बाल काट दूंगा मुझे आदी सिर्फ मेरे घर वाले ही बुला सकते हैं।
और तुम ही तो मैं जानता भी नहीं इसलिए मुझे इस नाम से मत बुलाना परी जब आदित्य की बात सुनती है तो उसकी आंखों में चमक गायब हो जाती है और उसमें आंसू आ जाते हैं"।
" आदित्य परी को एक नजर देखकर वहां से बाहर निकल जाता है विहान परी के पास आते हुए कहता है पर तुम भाई की बातों का बुरा मत मानो वह तो हमेशा से खड़ूस है वैसे भी मैं तुम्हारे साथ खेलूंगा तुम्हें उनके पास जाने की जरूरत नहीं"।
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